गांधी जी ने इसलिये किया क्युकि वे मानते थे कि बंधुत्व , मैत्री , स्नेह, सौहाद्र आदि गुण मानवता रूप टहनी के पुष्प है जो सर्वदा सुगंधित रहते हैं
इससे यह पता चलता कि बंधुत्व , मैत्री आदि गुणों की उनके पुष्पों से तुलना उनके अपनत्व पर आधारित है
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