फ्रांस की क्रांति लूई सोलहवां के शासन काल में हुई थी ।
फ्रांस की क्रांति के समय फ्रांस में सामंती व्यूवस्था थी. फ्रांस की क्रांति 1789 ई. में हुई थी । जो 1789 से 1799 तक चली।
स्वतंत्रता, समानता, बंधुता फ्रांस की क्रांति का नारा था ।
लुई सोलहवाँ – लुई पंद्रहवें का पौत्र था, और उसके बाद फ्रांस का राजा बना। उसका जन्म 1754 में हुआ था।
यह क्रांति फ्रांस के इतिहास में राजनीतिक और सामाजिक उथल पुथल ,और आमुल परिवर्तन का गवाह थी ।
जिसमें राजा का परीक्षण और निष्पादन, आतंक के युग में विशाल रक्तपात और दमन शामिल था।
क्रांति के समय सोलहवाँ लुई (1774 – 93) शासक था। इस समय फ्रांस में सामंती व्यवस्था थी ।
वह एक अयोग्य शासक था, वह स्वेच्छाचारित और निरंकुश था.
उसे आम आदमी की परेशानियों की कोई समझ नहीं थी । वह व्यक्तियों को परखने की योग्यता से वंचित था।
लुई की दयापूर्ण नीति के कारण भी परिस्थिति बिगड़ती गई।
लुई सोलहवाँ ने अमेरिकी स्वतंत्रता युद्ध में भाग लेकर फ्रांस की आर्थिक दशा को और भी जर्जर बना दिया। सरकार पर भारी कर्जा हो गया।
लुई सोलहवाँ फ्रांस में पुरातन व्यवस्था का अंतिम शासक था।
बाद में, नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांसीसी साम्राज्य के विस्तार द्वारा कुछ अंश तक इस क्रान्ति को आगे बढ़ाया।
शासन पद्धति पूरी तरह नौकरशाही पर निर्भर थी। जो वंशानुगत थी।
उनकी भर्ती तथा प्रशिक्षण के कोई नियम नहीं थे और इन नौकरशाहों पर भी नियंत्रण लगाने वाली संस्था मौजूद नहीं थी ।
उसकी पत्नी मैरी एंटोइंटे का उस पर अत्यधिक प्रभाव था। वह फिजूलखर्ची करती थी।