फ्रांस की उग्र जनता ने किस किले को ध्वस्त किया

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        dharya12
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          फ्रांस की उग्र जनता ने बास्तील किले को ध्वस्त किया था |

          बास्तील पेरिस में स्थित एक प्राचीन किला था |

          14 जुलाई, 1789 की सुबह पेरिस नगर में आतंक का माहौल था।

          सम्राट ने सेना को शहर में घुसने का आदेश दे दिया था।

          अफवाह थी कि वह सेना को नागरिकों पर गोलियाँ चलाने का आदेश देने वाला है।

          करीब सात हजार आदमी और औरतें टाउन हॉल के सामने एकत्र हुए और उन्होंने एक जन-सेना के गठन का निर्णय किया।

          हथियारों की खोज में वे बहुत-से सरकारी भवनों में जबरन प्रवेश कर गए।

          आखिर में सैकड़ों लोगों का एक समूह पेरिस नगर के पूर्वी भाग को ओर चल पड़ा और बास्तील (Bastille) किले की जेल को तोड़ डाला जहाँ भारी मात्रा में गोला बारूद मिलने के आसार थे।

          हथियारों पर कब्जे की इस लड़ाई में बास्तील का कमाण्डर मारा गया और कैदी छुड़ा लिए गए, यद्यपि उनकी संख्या मात्र सात थी।

          सम्राट की निरंकुश शक्तियों का प्रतीक होने के कारण बास्तील किला लोगों की घृणा का केन्द्र था।

          इसलिए किले को ढहा दिया गया और उसके अवशेष बाजार में उन लोगों को बेच दिए गए जो इस ध्वंस को बतौर स्मृति-चिह्न संजोना चाहते थे।

          इस घटना के बाद कई दिनों तक पेरिस तथा देश के देहाती क्षेत्रों में कई और संघर्ष हुए।

          अधिकांश जनता पावरोटी की महँगी कीमतों का विरोध कर रही थी।

          बाद में इस दौर का सिंहावलोकन करते हुए इतिहासकारों ने इसे एक लम्बे घटनाक्रम की ऐसी शुरुआती कड़ियों के रूप में देखा जिनकी परिणति फ्रांस के सम्राट को फ्राँसी दिए जाने में हुई, हालाँकि उस समय अधिकांश लोगों को ऐसे नतीजे की उम्मीद नहीं थी।

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