उत्तराखण्ड के चमोली जिला मुख्यालय से लगभग 150 किमी. उत्तर में हेमकुंड साहिब तथा बद्रीनाथ के मध्य स्थित भ्यूंडार गांव की सीमा पर ‘फूलों की घाटी’ प्रकृति की एक अनुपम धरोहर है।
इस ‘फूलों की घाटी’ को स्कन्द पुराण के केदार खंड में ‘नंदन कानन’ कहा गया है। जबकि महाकवि कालिदास ने मेघदूत में इस घाटी को ‘अलकापुरी’ नाम से संबोधित किया है।
इसके अन्य नाम हैं-गंधमादन, बैकुंठ, भ्यूंडार, पुष्पावली, देवदार एवं पुष्परसा।