परावैद्युत पदार्थ, वह है जिनके अन्दर विद्युत क्षेत्र पैदा करने पर ध्रुवित हो जाते हैं
वे पदार्थ जो अपने में से विद्युत को प्रवाहित नहीं होने देते हैं, लेकिन विद्युत प्रभाव का प्रदर्शन करते हैं, परावैद्युत पदार्थ कहलाते हैं। “
इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉनों का अभाव होता है, परावैद्युत पदार्थ विद्युत क्षेत्र में रखे जाने पर ध्रुवीत हो जाते हैं।
परावैद्युत पदार्थ वह पदार्थ होता है जिसके अन्दर सभी परमाणुओं में उनके सभी इलेक्ट्रॉन नाभिक के आकर्षण बल से दृढ़तापूर्वक बँधे रहते हैं। अतः ऐसे पदार्थों में वैद्युत चालन के लिए कोई भी मुक्त इलेक्ट्रॉन उपलब्ध नहीं होता अथवा मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या नगण्य होती है। अतः परावैद्युत पदार्थ वे पदार्थ हैं जिनमें होकर वैद्युत प्रवाह नहीं होता।
परावैद्युत पदार्थों का एक प्रमुख उपयोग संधारित्र की प्लेटों के बीच में किया जाता है ताकि समान आकार में अधिक धारिता मिले। पॉलीप्रोपीलीन एक परावैद्युत पदार्थ है।
अभ्रक, कांच, माइका, मोम, काजल, तेल, हीलियम आदि परावैद्युत पदार्थ है।
सामान्य ताप पर इन पदार्थों के परमाणुओं से इलेक्ट्रॉनो का प्रथकरण संभव नहीं होता है।
परन्तु ताप में बहुत अधिक वृद्धि करने पर इनके परमाणुओं से कुछ इलेक्ट्रॉन मुक्त हो जाते है, जिसे भंजन अवस्था कहते है।
परावैद्युत पदार्थ दो प्रकार के होते हैं-:
(i)ध्रुवीय परावैद्युत – उदाहरण – HCl
(ii) अध्रुवीय परावैद्युत – उदाहरण – हाइड्रोजन