टी वी पर दृश्य के साथ चलने वाली प्राकृतिक आवाजों को नेट साउंड कहते हैं |
इन ध्वनियों से भी खबर बनती है या उसका मिजाज़ बनता है। इसलिए किसी खबर का वॉयस ओवर लिखते हुए उसमें शॉट्स के मुताबिक ध्वनियों के लिए गुंजाइश छोड़ देनी चाहिए।
टी.वी. में ऐसी ध्वनियों को नेट या नेट साउंड यानी प्राकृतिक आवाजें कहते हैं यानी वो आवाजें जो शूट करते हुए खुद-ब-खुद चली आती हैं।
जैसे:- रिपोर्टर किसी आंदोलन की खबर ला रहा हो जिसमें खूब नारे लगे हों। वह अगर सिर्फ इतना बताकर निकल जाता है कि उसमें कई नारे लगे और उसके बाद किसी नेता की बाइट का इस्तेमाल कर लेता है तो यह अच्छी खबर का नमूना नहीं कहलाएगा। उसे वे नारे लगते हुए दिखाना होगा और इसकी गुंजाइश अपने वीओ में छोडनी होगी।