ऐसे शब्द जिनके अनेक अर्थ होते हैं तथा जिनका लिंग, वचन नहीं होता, निपात शब्द किसे कहते हैं ।
निपात को सामान्य रूप से अव्यय मानते हैं किन्तु ये शुद्ध अव्यय नहीं होते हैं।
निपात सहायक शब्द होते हुए भी वाक्य के अंग नहीं हो सकते हैं, परंतु वाक्य में उनके प्रयोग से उस वाक्य का समग्र अर्थ प्रभावित होता है। जैसे-जी, जी हाँ, जी नहीं, क्या।
निपात के कार्य:- निपात के निम्नलिखित कार्य होते हैं
1. प्रश्न-जैसे-क्या वह जा रहा है ?
2. अस्वीकृति-जैसे-मेरा लड़का आज वहाँ नहीं जाएगा।
3. विस्मयादिबोधक-जैसे-क्या अच्छी कलम है !
4. वाक्य में किसी शब्द पर बल देना-जैसे-बच्चा भी यह जानता है।
निपात के मुख्य नौ भेद होते हैं:-
1. सकारात्मक निपात – हाँ, जी …. आदि।
2. नकारात्मक निपात – नहीं, जी नहीं, ….. आदि।
3. निषेधात्मक निपात – मत, खबरदार ………. आदि।
4. प्रश्न बोधक निपात – क्या ….. आदि।
5. विस्मयाधिबोधक निपात – काश!, काश कि!, …. आदि।
6. बलदायक निपात – तक, पर, सिर्फ, ही, केवल …. आदि।
7. तुलनाबोधक निपात – सा, ……. आदि।
8. अवधारणा बोधक निपात – ठीक, करीब, लगभग … आदि।
9. आदरबोधक निपात – जी, …. आदि।