धूल-मिट्टी तो गाँव का सहज शृंगार है।
जिस प्रकार फूल के ऊपर धूल सौंदर्य बिखेरती है, उसी प्रकार शिशुमुख पर धूल उसके सौंदर्य को और बढ़ा देती है।
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