मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित दो बैलों की कथा समाज और पशुओं के भावात्मक संबंध का वर्णन करता है|
इस कहानी मैं उन्होंने यह बताया है कि स्वतंत्रता सहज और आसानी से नहीं मिलती उसके लिए बार-बार संघर्ष करना पड़ता है |
इस प्रकार यह कहानी हमें परोक्ष रूप से आजादी के आंदोलन की भावना का हमें एहसास कराती है|
इसके साथ ही इस कहानी में मुंशी प्रेमचंद जी ने पंचतंत्र और हितोपदेश की कथा परंपरा का, उपयोग और विकास बखूबी से किये है तथा समाज में एक अच्छी सीख देने का प्रयास किये है |