चार्ल्स फ्रीयर एंड्रयूज को दीनबंधु के उपनाम से जाना जाता है |
चार्ल्स फ्रीयर एंड्रयूज इंग्लॅण्ड के एक धार्मिक नेता और समाज सुधारक थे |
एण्ड्रूज का जन्म 12 फ़रवरी, 1871 को इंग्लैण्ड के एक सामान्य परिवार में हुआ था ।
पैमब्रोक कॉलेज, कैम्ब्रिज में स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद इंग्लैंड के चर्च मंत्रालय में काम करने लगे थे |
मार्च 1904 में सेंट स्टीफन कॉलेज में शिक्षण का कार्यभार ग्रहण करने के लिए भारत आयें |
यहाँ उनकी गोपाल कृष्ण गोखले जी के साथ अच्छी मित्रता हो गई |
उसी समय दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गाँधी भारतीय लोगो पर होने वाले गोरे शासकों के अत्याचारों के खिलाफ संगर्ष कर रहे थे |
गोखले ने एंड्रयूज और पियरसन को दक्षिण अफ्रीका की स्थितियों का जाएजा लेने भेजा |
जहाँ पर वे महात्मा गाँधी से मिले और वहा कदम कदम पर भारतियों का पक्ष लेते हुए सरकार व गांधीजी के बीच सेतु का कार्य किया |
केपटाउन में अंग्रजों की एक सभा में भारत और उसकी संस्कृति के बारे में भावुकतापूर्ण भाषण दिया जिससे सभी अंग्रेज लोग द्रवित हो उठे |
इसी प्रकार उन्होंने भारतीयों के पक्ष में अनेक काम किये जिनके कारण महात्मा गाँधी तथा लोगो ने उन्हें दीनबंधु उपनाम दे दिया और वें भारत में इसी नाम से लोकप्रिय हो गए |