दिल्ली सुल्तानों की इक्ता व्यवस्था उनके शासक की एक मुख्य विशेषता रही।
भारत में प्रचलित सामंती प्रथा को नष्ट करने और साम्राज्य के दूरस्थ प्रदेशों को केन्द्र से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में इक्ता प्रणाली का प्रयोग किया।
इसका प्रारम्भ इल्तुतमिश के शासन काल में हुआ था। सुल्तान ने अपने दूरस्थ प्रदेशों में जिन बड़े सैनिक अधिकारियों की नियुक्ति की उनको वेतन देने की प्रथा के रूप में यह व्यवस्था आरम्भ हुई।
इन सैनिक अधिकारियों को सुल्तान ने अपने राजकोष से वेतन नहीं दिया। अपितु उन्हें एक निश्चित भूमि क्षेत्र (इक्ता) प्रदान किया, जिससे होने वाली वार्षिक आय से वे अपना वेतन प्राप्त करते थे।