दार्जिलिंग हिमालय रेल की शुरुआत 1881 में हुई।
दार्जिलिंग हिमालय रेल, जिसे “टॉय ट्रेन” के नाम से भी जाना जाता है भारत के राज्य पश्चिम बंगाल में न्यु जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच चलने वाली एक छोटी लाइन की रेलवे प्रणाली है। इसका निर्माण 1879 और 1881 के बीच किया गया था और इसकी कुल लंबाई 78 किलोमीटर है।
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की आंतरिक साज-सज्जा बेहतरीन है. पर्यटकों को बेह्तर सुविधा दिलाने के हिसाब से NFR (पूर्वोत्तर सीमा रेलवे) ने इस ट्रेन में विस्ताडोम कोच और एसी कोच भी लगाया है।
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे दो फीट चौड़ी पटरी पर चलती है और इसमें कोयले वाले ईंजन लगे हैं ।
दार्जिलिंग हिमालय रेल और शिमला-कालका रेल दोनों हिमालय पर्वतों से होकर गुजरती है ।
100 वर्ष से ज्यादा पुरानी दार्जिलिंग हिमालय रेल विश्व प्रसिद्ध है।
दार्जिलिंग हिमालय रेलवे, भारत की उन 3 पर्वतीय रेल सेवाओं में से एक है जिन्हें यूनेस्को ने विश्व विरासत घोषित किया है।
दार्जिलिंग हिमालय रेल इंंजीनियरिंग का उत्कृष्ट उदाहरण है।