ब्रिटिश भारत में बंगाल का तेभागा आंदोलन कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है।
तेभागा का अर्थ होता है एक तिहाई 1946 के उत्तरार्द्ध में बंगाल के बटाईदारों ने ऐलान करना शुरू कर दिया कि वे अब जोतदारों यानी भूस्वामियों को उपज का आधा हिस्सा नहीं बल्कि एक-तिहाई हिस्सा देगें और हिस्सा बंटने तक उपज उनके अपने खामारों (घर से लगे खलिहानों) में रहेगी।
इसमें संदेह नहीं कि उन्हें यह मांग रखने के लिए प्रोत्साहन बंगाल भूराजस्व आयोग | (जो फ्लाऊड आयोग के नाम से प्रसिद्ध है) की रिपोर्ट से मिला।
आयोग ने सरकार को जो रिपोर्ट दी थी उसमें आधे की जगह एकतिहाई की ही सिफारिश की गयी थी।