तिब्बत में भिक्षु को लामा कहते हैं।
उनकी कई कोटियाँ होती है। नीचे से लेकर ऊपर तक जैसे दलाई लामा, पंचेन लामा, कर्मापा लामा आदि।
लामा एक शीर्षक है, जिन्होंने आध्यातमिक विकास के उच्चतम स्तर को प्राप्त किया है।
दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग्पा वंश के धर्मगुरु हैं, वर्तमान दलाई लामा 14वें हैं।
उन्हें 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. दलाई लामा का जन्म 6 सितंबर 1935 को ल्हामो डोंडरब के रूप में हुआ था।
तिब्बती बौद्ध धर्म बौद्ध धर्म की महायान शाखा की एक उपशाखा है जो तिब्बत, मंगोलिया, भूटान, उत्तर नेपाल, उत्तर भारत के लद्दाख़, अरुणाचल प्रदेश,
लाहौल व स्पीति ज़िले और सिक्किम क्षेत्रों, रूस के कालमिकिया, तूवा और बुर्यातिया क्षेत्रों और पूर्वोत्तरी चीन में प्रचलित है।
हर तिब्बती परमपावन दलाई लामा के साथ गहरा व अकथनीय जुड़ाव रखता है।
तिब्बत मध्य एशिया की उच्च पर्वत श्रेंणियों के मध्य कुनलुन एवं हिमालय के मध्य स्थित है। इसकी ऊँचाई 16,000 फुट तक है।
यहाँ का क्षेत्रफल 47,000 वर्ग मील है।
तिब्बत दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे लंबा पठार है. एशिया में बहने वाली कई बड़ी नदियां तिब्बत से ही निकलती हैं।
तिब्बत का अधिकांश भाग शुष्क जलवायु के कारण केवल पशुचारण के योग्य है और यही यहाँ के निवासियों का मुख्य व्यवसाय हो गया है।
कठोर शीत सहन करनेवाले पशुओं में याक मुख्य है , जो दूध देने के साथ बोझा ढोने का भी कार्य करता है।
इसके अतिरिक्त भेड़, बकरियाँ भी पाली जाती है।