तत्सम और तद्भव शब्द किसे कहते है

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      तत्सम- वे शब्द जो संस्कृत भाषा से मूल रूप में हिंदी में प्रयुक्त होते हैं, तत्सम शब्द कहलाते हैं।

      तत्सम शब्द तत् + सम – दो शब्दों के योग से बना है। ‘तत्’ का अर्थ है – वह या उसके और ‘सम’ का अर्थ है ‘समान’। अतः तत्सम शब्द का अर्थ होता है – उसके समान। यहाँ प्रश्न होता है – ‘किसके समान।’ निश्चय ही उसका अर्थ है – संस्कृत के समान।

      संस्कृत भाषा हिंदी भाषा की जननी है। प्राचीन काल में भारत में संस्कृत ही व्यवहार की भाषा थी। भाषा विकास के मार्ग पर बढ़ी, उसमें बदलाव आया तब संस्कृत के अनेक शब्द ज्यों के त्यों हिंदी में ग्रहण कर लिए गए।

      इस प्रकार के कुछ शब्द हैं – सूर्य, चंद्र, गौ, दुग्ध, घृत, दधि, गृह, अग्नि, जल, कार्य, पत्र, हस्त आदि।

      तद्भव- संस्कृत के वे शब्द जो हिंदी में परिवर्तित रूप में प्रयुक्त होते हैं, तद्भव कहलाते हैं।

      तद्भव शब्द का अर्थ है – उससे उत्पन्न तद्भव शब्द संस्कृत से ही उत्पन्न होने वाले शब्द हैं।

      जैसे- सूरज, चाँद, गाय, दूध, घी, दही, घर, आग, जल, काज, पत्ता, हाथ आदि।

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