डी एन ए क्रियात्मक खंड काेे हम जीन कहते है |
‘जीन’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग जोहन्सन ने 1909 ई. में किया था।
जनकों से सहमति में संचरित होने वाली आनुवशिंक इकाईयां जीन कहलाती है।
या “गुणसूत्र के किसी निश्चित स्थान पर स्थित ईकाई जो किसी विशिष्ट बाहनाकृतिक लक्षण के लिए उत्तरदायी होती है, जीन कहलाती है।”
जीन DNA के न्यूक्लियोटाइडों का ऐसा अनुक्रम है, जिसमें सन्निहित कूटबद्ध सूचनाओ में अतंतः प्रोटीन संश्लेषण का कार्य संपन्न होता है।
अर्थात न्यूक्लियोटाइडों का अनुक्रम (पॉलिन्यूक्लियोटाइड्स) जीन के गठन का कार्य करती हैं।
जो की डी एन ए के क्रियात्मक खंड का कार्य करती है |
डीएनए का फुल फॉर्म “डीऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक अम्ल” है |
डीएनए का सम्बंध जीवित कोशिकाओं से होता है |
इसकी आकृति लहरदार सीढ़ी की भांति होती है, इसे 3D संरचना के द्वारा स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है |
डीएनए का निर्माण दो फिलामेंट के द्वारा किया जाता है |
इसकी सरंचना इन्हीं फिलामेंटों से मिलकर होती है यह दोनों फिलामेंट चारों ओर से घुमावदार संरचना का निर्माण करते है, इस संरचना को ही डीएनए के नाम से जाना जाता है |
डीएनए के अणु ग्वानिन, ऐडेनिन, थाइमिन और साइटोसिन से निर्मित रहते हैं |
इन डीएनए के अणुओं को न्यूक्लियोटाइड के नाम से जाना जाता है |
हमारे शरीर में DNA लाल रक्त कोशिकाओं को छोड़कर लगभग हर कोशिकाओं में पाया जाता है हर इंसान को अपने माता पिता से 23 जोड़ें DNA प्राप्त होते हैं,
प्रत्येक जोड़ें में से एक माता द्वारा तथा एक पिता द्वारा प्राप्त होता है |
किसी भी इंसान का DNA उसके माता पिता के DNA के मिश्रण से बना हुआ होता है. इसलिए हर व्यक्ति का डीएनए उसके माता पिता के डीएनए के मिश्रण से बना होता है। जैंसे चेहरा , कद , नाक ,ऑख, बाल, शरीर का रंग आदि |