ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के भाव हैं।
वे अपने धर्म के प्रति अधिक निष्ठावान हैं। वे ठाकुरजी का आशीर्वाद लेकर ही हर शुभ कार्य को आरंभ करना चाहते हैं।
किसी भी नए कार्य को आरंभ करने से पूर्व वे ठाकुरजी की मनौती मनाते हैं और कार्य पूरा होने पर ठाकुरबारी को दान देते हैं।
इस प्रकार ठाकुरबारी के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा होने का कारण उनकी धार्मिक एवं अंधविश्वासी मनोवृत्ति है।
हरिहर काका को भी ठाकुरबारी पर अपार श्रद्धा थी, परंतु उनकी ज़मीन-जायदाद के लिए जब ठाकुरबारी के महंत द्वारा उनका अपहरण किया गया तब हरिहर काका का ठाकुरबारी के प्रति श्रद्धा भाव व भक्ति भाव समाप्त हो गया।