छत्तीसगढ़ के महान व्यक्तित्व
पंडित सुन्दरलाल शर्मा को छत्तीसगढ़ का गाँधी कहा जाता है |
उनके राजनैतिक तथा सामाजिक योगदान के लिए उन्हें छत्तीसगढ़ का गांधी कहा जाता है |
इनका जन्म 21 दिसम्बर 1881 में चमसुर (राजिम ) गरियाबंध में हुआ था |
उन्होंने छत्तीसगढ़ में चल रहे छुआछूत का विरोध किया तथा अछूतों के उद्धार के लिए कार्य किया |
रायपुर में सतनामी आश्रम की स्थापना की |
1905 में इन्होने समित्र मंडल की स्थापना की |
1907 में राजिम में संस्कृत पाठशाला की स्थापना की |
1918 छत्तीसगढ़ में पांडुलिपि में छत्तीसगढ़ राज्य का प्रथम मानचित्र बनाया |
1920 में धमतरी के कंडेल नहर सत्याग्रह का नेतृत्वकर्ता थे |
1925 में राजिम मंदिर में हरिजन प्रवेश कराया |
इन्हें छत्तीसगढ़ का प्रथम स्वप्नदृष्टा कहा जाता है |
साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट लेखन के लिए , इनके नाम पर “पंडित सुन्दरलाल शर्मा पुरस्कार” दिया जाता है |