भारत में गुलाम वंश का प्रथम शासक
कुतुबुद्दीन ऐबक था |
इसका शासन काल 1206 से 1210 ई. तक था |
कुतुबुद्दीन ऐबक मूलतः तुर्क जनजाति का था | बचपन में उसे निशापुर के काजी फखरुद्दीन अब्दुल अजीज कूफी ने एक दास के रूप में ख़रीदा था |
इसके बाद उसे गजनी भेजा गया जहाँ उसे मोहम्मद गोरी ने खरीद लिया |जहाँ उसकी सेवा से खुश होकर उसे मोहम्मद गोरी द्वारा अमीर-ए-आखुर ( शाही घुड़साल का अधिकारी ) के पद पर प्रोन्नत कर दिया गया |
मोहम्मद गोरी की मृत्यु के बाद उसने अपना राज्य-अभिषेक जून, 1206 में कराया |
गुलाम होने के कारण वह मालिक और सिपहसालार की पदवियों से ही सन्तुष्ट रहा |
दिल्ली में कुव्वत-उल-इस्लाम, अजमेर में अढ़ाई दिन का झोपड़ा का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने कराया था | इसके अलावा दिल्ली में कुतुबमीनार की नीव भी इसी ने डाली थी जिसका निर्माण कार्य इल्तुतमिश ने पूरा कराया था |
अत्यंत सुरीले स्वर में कुरान पढने के कारण वह कुरान ख्वां के नाम से प्रसिद्द हुआ | लाखो का दान देने के नाम से इसे लाख बख्श भी कहा जाता था |
1210 में लाहौर में चौगान (पोलो की तरह का एक खेल ) खेलते समय घोड़े से गिरकर उसकी मृत्यु हो गई |
इसके बाद उसका पुत्र आराम शाह गद्दी में बैठा |
इसके बाद गुलाम वंश के प्रमुख शासक इल्तुतमिश, बलबन तथा एक महिला शासिका रजिया सुलतान थी |