सभी लोगो के लिए सदैव भोजन की
उपलब्धता,
पहुँच और उसे प्राप्त करने का
सामर्थ्य होना को ही
खाद्य सुरक्षा कहते है |
जहाँ
उपलब्धता से तात्पर्य देश में खाद्य उत्पादन , खाद्य आयात और सरकारी अनाज भंडारों में संचित पुराने वर्षो के भंडारण से है |
पहुँच से तात्पर्य खाद्य प्रत्येक व्यक्ति के पास पहुचने से है |
सामर्थ्य से तात्पर्य लोगो के पास पर्याप्त और पौष्टिक भोजन खरीने के लिए उपलब्ध धन से है |
जीवन के लिए भोजन उतना ही आवश्यक है जितना जल और वायु |
इसका अर्थ ये नहीं की लोगो के पास मात्र पेट भरने के लिए दो वक्त की रोटी का इन्तेजाम हो |बल्कि किसी देश में खाद्य सुरक्षा केवल तभी सुनिश्चित होती है जब –
सभी लोगो के लिए पर्याप्त खाद्य उपलब्ध हो |
सभी लोगो के पास स्वीकार्य गुणवत्ता के खाद्य पदार्थ खरीदने की क्षमता हो |
खाद्य की उपलब्धता में कोई बाधा ना हो |
अर्थात हमें यह पता चलता है की खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता सिर्फ गरीब वर्ग को ही नहीं बल्कि अमीर वर्ग को भी है जिसके द्वारा उन्हें सरकार विभिन्न आपदा जैसे भूकम्प, बाढ़ , ज्वालामुखी आदि के समय में भी भोजन की व्यवस्था उपलब्ध करा सके|