माइट्रोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) को कोशिका का पावर हाउस कहते हैं |
ये गोलाकार रचनाएं होती हैं। इनका व्यास 11m से कम होता है।
यह दो झिल्लियों के द्वारा घिरी रहती है। इसकी बाह्य कला चिकनी होती है।
इसकी आन्तरिक कला मुड़ी हुई होती है।
ये मुड़ी हुई रचना क्रिस्टी (Cristae) कहलाती हैं।
इसकी गुहा में आधारक (matrix) भरा रहता है।
आधारक में विभिन्न एन्जाइम्स पाये जाते हैं माइट्रोकॉन्ड्रिया स्वपोषी कहलाते हैं क्योंकि इसमें बैक्टिरिया के समान DNA और राइबोसोम्स पाये जाते हैं।
इसमें अनेक उपापचयी क्रियाओं के द्वारा ऊर्जा उत्पादन, होता है।
इसमें कार्बोहाइड्रेड एवं वसा का उपापचय होता है।
ATP एवं पॉरफाइरिन का निर्माण भी माइटोकॉन्ड्रिया में होता है।
अतः इसे कोशिका का पावर हाउस (Power house) कहते हैं।