किसी भी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में अंगीकार नहीं करना धर्मनिरपेक्ष शासन कहलाता है |
भारतीय राज्य ने किसी भी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में अंगीकार नहीं किया है जो की इसे धर्मनिरपेक्ष बनाता है
श्रीलंका में बौद्ध धर्म, पाकिस्तान में इस्लाम ओर इंग्लैंड में ईसाई धर्म का जो स्थान रहा है उसके विपरीत भारत का संविधान किसी धर्म को विशेष स्थान नहीं देता।
संविधान सभी नागरिकों को किसी भी धर्म का पालन करने और प्रचार-प्रसार करने की आजादी प्रदान करता है।
संविधान धर्म के आधार पर किए जाने वाले किसी प्रकार के भेदभाव को अवैधानिक घोषित करता है।