किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में निम्न तरह व्यक्त किया गया है –
आदिकाल से पशु और मानव का अन्योन्याश्रित संबंध रहा है।
मनुष्य अपनी विभिन्न आवश्यकताओं के लिए जिस तरह पशुओं पर निर्भर है ठीक उसी तरह पशु भी अपनी आवश्यकताओं के लिए मनुष्य का मुँह देखते हैं।
प्रस्तुत कहानी ‘दो बैलों की कथा’ में प्रेमचंद ने इन्हीं संबंधों की गहराई को सूक्ष्मता से उतारा है।
कहानी में एक तरफ झूरी का अपने बैलों के प्रति प्यार तथा समर्पण की भावना को उतारा गया है तो दूसरी तरफ हीरा-मोती को अपने मालिक के प्रति प्रेम और समर्पण को चित्रित किया गया है, जो पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को व्यक्त करता है।