वारेन हेस्टिंग्स ने 1772 में “कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स” के आदेशानुसार द्वैत शासन प्रणाली को समाप्त किया था |
बता दे की क्लाइव ने 1765 में द्वैत शासन प्रणाली शुरू की थी |
इस प्रणाली में राजस्व वसूलने का कार्य , पुलीस और न्यायिक शक्तियों पर अधिकार कपनी के पास था |
प्रशासनिक दायित्व नवाब तथा उनके अधीनस्थ पदाधिकारियों के पास था परन्तु इनके पास कोई शक्ति नहीं था |
फलस्वरूप बंगाल की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई |
ज्यादा राजस्व वसूली किया जाने लगा , किसानो के साथ अत्याचार होने लगा , ब्रिटिश कर्ममचारी मनमानी करने लगे |
भ्रष्ट अधिकारीयों के कारण कंपनी घाटे में जाने लगी थी | जिसका ब्रिटेन की संसद में आलोचना किया जाने लगा और नियंत्रण के लिए 1773 का रेग्युलेटिंग एक्ट बनाया गया |