काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है क्योंकि यह जीवन का कल्याण करती है।
यह नदियां हमारे जीवन के लिए कल्याणकारी है क्योंकि इन नदियों का जल भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ाता है।
यह नदियों खेतों को जल प्रदान करती है।
इनके माध्यम से बिजली उत्पन्न की जाती है।
यह जीवन दायनी है।
जिस प्रकार यह नदियां प्रकृति को सौन्दर्य एवं हमें जीवन प्रदान करती है।
उसी प्रकार हमारी माता हमारी जीवनदायनी है।
आधुनिक युग में विभिन्न प्रकार की विषैली गैसों के द्वारा कूड़ाकर्कट से हम इन नदियों के जल को दूषित कर रहे है।
परन्तु फिर भी आपार दुख सहकर यह हमें सुख ही प्रदान करती है।
माता के समान यह नदियां जीवनदायनी है।
इसलिए काका कालेलकर के द्वारा इन नदियों को दी गई ‘लोकमाता’ की संज्ञा उचित है।