उभयधर्मी ऑक्साइड किसे कहते हैं

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      जो धातु ऑक्साइड अम्ल तथा क्षारक दोनों से अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाते हैं, उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैं |

      ऐलुमिनियम धातु और जिंक धातु उभयधर्मी ऑक्साइडें बनाते हैं।

      अतः, ऐलुमिनियम ऑक्साइड और जिंक ऑक्साइड प्रकृति में उभयधर्मी हैं (जो क्षारकीय के साथ-साथ अम्लीय आचरण दर्शाती हैं)। उभयधर्मी ऑक्साइडें अम्लों के साथ-साथ क्षारकों, दोनों के साथ अभिक्रिया करती हैं और लवणों को तथा जल बनाती हैं।

      उदाहरणार्थ:-   ऐलुमिनियम ऑक्साइड एक उभयाधर्मी ऑक्साइड है जो अम्लों के साथ-साथ क्षारकों से अभिक्रिया करके लवण और जल बनाती है।

      (अ) ऐलुमिनियम ऑक्साइड, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करके ऐलुमिनियम क्लोराइड (लवण) और जल बनाती है :

      Al2O3  + 6HCl    →       2AlCl3 + 3HO

      इस अभिक्रिया में, ऐलुमिनियम ऑक्साइड एक क्षारकीय ऑक्साइड की भांति आचरण करती है (क्योंकि वह अम्ल के अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाती है)

      (ब) ऐलुमिनियम ऑक्साइड, सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ अभिक्रिया करके सोडियम ऐलुमिनेट (लवण) तथा जल बनाती है :

      Al203 + 2NaOH  → 2NaAlO2 + H2O

      इस अभिक्रिया में, ऐलुमिनियम ऑक्साइड अम्लीय ऑक्साइड के रूप में आचरण करती है (क्योंकि वह क्षारक के साथ अभिक्रिया करके लवण और जल बनाती है)।

       

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