उत्तराखंड में केदारनाथ ज्योतिर्लिंग तीर्थ स्थल है
भगवान शंकर के ज्योतिर्लिंग में से केदारनाथ हिम से ढके हिमालय क्षेत्र में स्थित है।
केदारनाथ समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
केदारनाथ का वर्णन स्कंद पुराण एवं शिव पुराण में मिलता है।
यह तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।
केदारनाथ मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंग में एक है। साथ ही यह चार धाम ,भारतीय पाैराणिक और प्राचीन स्थल है
यह मन्दिर एक छह फीट ऊँचे चौकोर चबूतरे पर बना हुआ है।
यह मंदिर अप्रैल से नवम्बर माह के बीच खुलता है
जलवायु के कारण बाकी दिनों में मंदिर के कपाट बंद रहता है
पुरानी मान्यताओ के अनुसार महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों ने भगवान शिव के दर्शन के लिए हिमालय की यात्रा की थी।
वहां उन्होंने एक भैंसा देखा ।
उसका पीछा करते हुए भीम ने गदा से उस पर प्रहार किया।
भैंसे का सिर कटकर सीधा नेपाल में जा गिरा व धड केदार में ही रह गया।
धड़ से एक उज्जवल ज्योतिर्लिंग प्रकट हुआ।
भगवान शिव ने पांडवों से कहा- ‘आज से मैं यहां तिकोने ज्योतिर्लिंग के रूप में रहूंगा।’
केदारनाथ के दर्शन से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है।
प्रकृति के वरदान रूप में देखे जाते केदार ।
तीर्थ को शिव का सनातन निवास माना जाता है।
यहां का ज्योतिर्लिंग महिष के पृष्ठभाग जैसा है।