सारे देश की तथा उसके किसी प्रान्त की। इसीलिए, एक प्रान्त का नागरिक किसी अन्य प्रान्त में चुनाव नहीं लड़ सकता। इसी को दोहरी नागरिकता कहते हैं।
लेकिन हमारे देश में इकहरी नागरिकता है। सभी लोग भारत के नागरिक हैं। किसी प्रान्त या राज्य की नागरिकता का प्रश्न ही नहीं उठता, यद्यपि संघीय व्यवस्था संविधान के आमूल ढाँचे का एक अनिवार्य लक्षण है।