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jivtarachandrakant.
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- October 1, 2021 at 3:37 pm
अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूह :- भारत में कुल 247 द्वीप हैं जिनमें से 204 बंगाल की खाड़ी और शेष 43 अरब सागर में स्थित हैं।अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह :- अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह बंगाल खाड़ी का एक द्वीप समूह है, जो मूलतः विवर्तनिक (Tectonic) एवं ज्वालामुखीय क्रियाओं से निर्मित हुए हैं।
अरब सागर के द्वीपों की उत्पत्ति मूलतः प्रवालों (corals) से हुई है। बंगाल की खाड़ी के द्वीप (Islands of the Bay of Bengal) बंगाल की खाड़ी के मुख्य द्वीपों में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आते हैं
अंडमान और निकोबार द्वीप समूहों को दस डिग्री चैनल एक-दूसरे के अलग करता है। भारतीय मुख्य भूमि (बंगाल की खाड़ी के शीर्ष से) की अंडमान द्वीप समूह की न्यूनतम दूरी लगभग 2000 कि.मी. है तथा दक्षिणतम बिन्दु’इंदिरा प्वाइन्ट’ है ग्रेट निकोबार द्वीप पर स्थित है
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों की जलवायु पूरे वर्ष गर्म उष्णकटिबंधीय प्रकार की है तथा यहां दो मानसूनों कम पाया जाता है। औसत तापमान 35° से. होता है लेकिन सागरीय समीर इसकी उष्णता को नियंत्रित रखते हैं।
इन द्वीपों का मानसूनी काल मध्य-मई से मध्य-सितंबर तथा नवंबर से मध्य-दिसंबर होता है जिस दौरान यहां भारी वर्षा होती है।
अंडमान द्वीप समूह घने जंगलों से आचादित हैं। इनकी भित्तियां समुद्री जीवों से परिपूर्ण है। यह पक्षी-निरीक्षकों के लिए स्वर्ग माना जाता है एवं इनकी भित्तियां समुदी जीवों से परिपूर्ण हैं।
यह पक्षी-निरीक्षकों के लिए स्वर्ग माना जाता है तथा यहां अब तक पक्षियों की 242 प्रजातियों का अंकन किया जा चुका है। यह पूरा प्रदेश मुख्य पूकंप क्षेत्र के अंतगर्त आता है। अंडमान के बैरन द्वीप में एक सक्रिय ज्वालामुखी भी विद्यमान है।
अंडमान द्वीपों से 80 कि.मी. पूरब बंगाल की खाड़ी में दो ज्वालामुखी द्वीप (बैरल और नकोन्टेम) स्थित है। अंडमान द्वीपों की उत्पत्ति तृतीयक पर्वत श्रेणी ‘अराकान योगा’ के विस्तार से हुई है।
बलुआ पत्थर.चूना पत्थर तथा शैल इस द्वीप की प्रमुख चट्टान है। निकोबार द्वीप समूहों में 18 द्वीप आते हैं. जिनमें से 11 पर मानव का बसाय है। निकोबार द्वीप समूहों को पू-आकृतिक बनावट मुख्यतया प्रयालीय है।
अंडमान एवं निकोबार द्वीपों को मुख्य फसल चावल है। नारिवल और सुपारी यहां की प्रमुख नकदी फसलें है। अनानास, कई प्रकार के केले. मीठे पपीते एवं आम जैसे उष्णकटिबंधीय फलों की भी अंडमान द्वीप समूहों पर लघु स्तरीय खेती होती है।
अंडमान द्वीप समूहों की जनजातीय जनसंख्या का तेज हास हो रहा है। इसके अधिकांश वर्तमान निवासी बग्लादेश, म्यांमार, भारत और श्रीलंका (अमित) से आये हुए है। ऑग, जरावा और सेंटीनेलीच अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों पर बची हुई मूल
दक्षिण अंडमान एवं ग्रेट निकोबार द्वीप समूहों में स्थित वांडूर समुद्री जैवमंडलीय प्रारक्षित क्षेत्र विश्व के सबसे बड़े और दुर्लभ ‘नाईटरोब्बर केकड़े’ (Giant RobberCrab) के लिए विश्व प्रसिद्ध है। अपने शक्तिशाली पंजो से न सिर्फ यह केकड़ा नारियल के वृक्ष पर चढ़ जाता है बल्कि इसके खोपड़े को तोड़कर इसका फल भी खाता है।
अरब सागर के द्वीप :- अरब सागर में कुल 43 द्वीप हैं जिनमें से 10 पर मानव निवास है। इन द्वीपों की मुख्य भूमि (कालीकट) से न्यूनतम दूरी लगभग 109 कि.मी. है।
लक्षद्वीप की राजधानी कावारती इसी नाम वाले एक द्वीप पर स्थित है। आठ डिग्री चैनल लक्षद्वीप को मालद्वीप द्वीपों से अलग करता है। इन द्वीपों पर पहाड़ियां और नदियां नहीं हैं। मिनिकॉय इनमें सबसे बड़ा द्वीप है जिस पर एक प्रकाश स्तंभ (lighthouse) और मौसम बेघशाला स्थित है।
लक्षद्वीप के लोगों का मुख्य व्यवसाय मछली पकड़ना है। नारियल यहां की मुख्य फसल है वैसे दलहनों एवं सब्जियों की खेती भी लघु स्तर पर की जाती है। इसके गिर्द का सागर मछलियों से परिपूर्ण है
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