“अरपा पैरी के धार महानदी है अपार” राज्यगीत के रचयिता
डॉ० नरेन्द्र देव वर्मा है |
राज्य शासन द्वारा डॉ० नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा लिखित इस छत्तीसगढ़ी गीत “अरपा पैरी, के धार, महानदी हे अपार” को राज्य गीत घोषित किया गया है ।
विभिन्न कार्यक्रमों के प्रारंग में गाये जाने वाले राज्य-गीत में इसका उपयोग किया जा सकता है, इसकी अवधि 1 मिनट 15 सेकंड है ।
2019 के राज्योत्सव में दिनांक 3/11/2019 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस गीत को राज्यगीत घोषित किया था |
छत्तीसगढ़ के इस राज्यगीत का लिरिक्स (lyrics) इस प्रकार है :-
“अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार,
इंदिरावती हर पखारय तोर पईयां|
महूं पाँव परव तोर भुंइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया ।।
सोहय बिंदिया सही, घाट डोंगरी पहार
चंदा सुरूज बने तोरे नयना,
सोनहा धान के संग, लुगरा के हरियर रंग
तोर बोली जईसे सुघर मइना |
अंचरा तोर डोलावय पुरवईया ||
(महूँ पाँव परॅव तोर मुइँया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया।।)