10 फरवरी को national deworming day या राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है |
प्रतिवर्ष 10 फरवरी और 10 अगस्त को वर्ष में 2 दिन राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है |
इस दिन सभी स्कूल तथा आंगनबाड़ी के बच्चो को कृमि नाशक दवा (एलबेंडाजोल नामक दवाई ) खिलाई जाती है |
कृमि संक्रमण के कारण बच्चे में मानसिक विकास की कमी , कुपोषण , खून की कमी, थकान आदि जैसे लक्षण दिखाई देते है |
विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) के अनुसार भारत में 1-14 वर्ष के बच्चे कृमि रोग से ज्यादा प्रभावित होते है |
इसका प्रमुख कारण खुले में शौच करना, दूषित पानी पीना, शारीरिक साफ़ सफाई, नाख़ून बढे होना, घरो के आस पास सफाई की कमी आदि है |
इन्ही बातो की जागरूकता दिलाने तथा बच्चो को कृमि के संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा इसकी शुरुवात फरवरी 2015 को किया गया था |
तब से प्रतिवर्ष 10 फरवरी और 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है |