हैदराबाद स्टेट को भारतीय गणतंत्र का हिस्सा बनाने के लिए ऑपरेशन पोलो सरदार पटेल ने चलाया था |
15 अगस्त, 1947 के बाद रज़ाकारों का अत्याचार और भी बढ़ गया। इस अत्याचार के ख़िलाफ़ देशभर में आवाजें उठने लगीं।
कांग्रेसी, वामपंथी, समाजवादी, आर्य समाजी …सभी ने निज़ाम के ख़िलाफ़ आंदोलन को और भी उग्र कर दिया।
रज़ाकारों की बढ़ती निरंकुशता, क्रूरता, बर्बरता की घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर कर दिया।
उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार पटेल ने रियासत की जनता की हिफ़ाज़त के लिए सैन्य कार्यवाही करने का फैसला लिया।
सैन्य कार्यवाही को गुप्त रखा गया।
इस सैन्य कार्यवाही को ‘ऑपरेशन पोलो’ नाम दिया गया।
जानकार बताते हैं कि उन दिनों देश के अन्य सभी शहरों की तुलना में हैदराबाद शहर में सबसे ज़्यादा, 17 पोलो मैदान हुआ करते थे।
‘ऑपरेशन पोलो’ के तहत मेजर जनरल जे.एन.चौधरी के नेतृत्व में भारतीय सैनिकों ने हैदराबाद रियासत में प्रवेश किया।
13 सितम्बर, 1948 को हैदराबाद रियासत में निज़ाम और उसके रज़ाकारों के ख़िलाफ़ सैन्य कार्यवाही शुरू हुई।
रज़ाकार ज़्यादा समय तक भारतीय सेना के सामने नहीं टिक पाये।
100 घंटे के भीतर ही निज़ाम और रज़ाकारों ने हार मान ली।
युद्ध में बचे रज़ाकारों ने भारतीय सेना के सामने आत्म-समर्पण कर दिया।