हिंदी साहित्य का पहला इतिहास गार्सा द तासी ने लिखा था |
‘इस्तवार द ला लितरेत्यूर एदूस्तानी” को हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास ग्रंथ माना जाता है |
इस हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास ग्रंथ की भाषा फ्रेंच थी |
इसमें हिन्दी और उर्दू के अनेक कवियों का विवरण वर्णक्रमानुसार दिया गया है|
इसका पहला भाग सन् 1839 में तथा दूसरा भाग सन् 1847 में प्रकाशित हुआ. सन् 1871 में इसका दूसरा संस्करण प्रकाशित हुआ जिसमें इसे तीन खण्डों में बाँटकर पर्याप्त संशोधन और परिवर्द्धन किया गया |
गार्सा द तासी के इतिहास ग्रंथ में कवियों को कालक्रम के स्थान पर अंग्रेजी वर्णक्रम में प्रस्तुत करना, काल-विभाजन एवं युगीन प्रवृत्तियों का अभाव तथा हिन्दी से इतर भाषा के कवियों का समावेश आदि कुछ ऐसे दोष हैं|
जिनके कारण विद्वानों ने इसे इतिहास ग्रन्थ मानने से संकोच किया है|
तो भी हिन्दी साहित्य इतिहास लेखन की परम्परा के प्रवर्तक के रूप में गा द तासी का महत्व निर्विवाद है.