हाइड्रोजन बम का निर्माण नाभिकीय संलयन के सिद्धान्त पर आधारित है ।
इस सिद्धान्त के आधार पर हाइड्रोजन के दो नाभिकों को संलयित करके एक अधिक द्रव्यमान का नाभिक तैयार किया जाता है।
इस क्रम में काफी मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित होती है जो अन्य नाभिकों को भी संलयित करती है, जिससे पुनः ऊर्जा का उत्सर्जन होता है।
परिणामस्वरूप, अभिक्रिया की एक श्रृंखला बन जाती है, जिससे असीमित ऊर्जा निकलती है ।
हाइड्रोजन बम का पहली बार परीक्षण करने वाला देश अमेरिका था |
अमेरिका ने वर्ष 1954 में इसका परीक्षण किया था |
ऐसा माना जाता है की हंगेरियन-अमेरिकी वैज्ञानिक एडवर्ड टेलर ने इसका अविष्कार किया था |
हाइड्रोजन बम की ताकत परमाणु बम की अपेक्षा लगभग 1000 गुणा अधिक विध्वंसात्मक होती है।
विभिन्न न्यूज़ मीडिया के अनुसार हाइड्रोजन बम वर्तमान में यह कुछ ही देशो अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस, फ्रांस, भारत और नॉर्थ कोरिया के पास है |