शुंग वंश स्थापना 185 ई. पू. में पुष्यमित्र शुंग ने की थी।
पुष्यमित्र शुंग मौर्य राजा वृहद्रथ का प्रधान सेनापति था।
उसने उसे मार कर सिंहासन पर अधिकार कर लिया।
पुष्यमित्र शुंग ने 151 ई.पू. तक राज्य किया।
उसने कई युद्धों में विजय प्राप्त की और अपने राज्यकाल में दो बार अश्वमेध यज्ञ किया।
सुप्रसिद्ध संस्कृत वैयाकरण पतंजलि अश्वमेध यज्ञ में उसका पुरोहित था।
पुष्यमित्र के बाद शुंगवंश में जो प्रमुख राजा हुए उनके नाम – अग्निमित्र, ज्येष्ठमित्र, भद्रक, भागवत और देवभूति थे।
देवभूति को उसके अमात्य वासुदेव ने लगभग 73 ई.पू. में हत्या कर दी तथा कण्व वंश की स्थापना की ।