शिक्षित मूर्ख मुहम्मद बिन तुगलक कहा गया है
मुहम्मद बिन तुगलक कार्यकाल – (1325 ई. से 1351 ई.)
1325 में गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु के बाद मुहम्मद बिन तुगलक दिल्ली का सुल्तान बना।
इसका मूल नाम जूना खां था। इसे गयासुद्दीन तुगलक ने उलूग खां की उपाधि दी थी।
एडवर्ड थॉमस ने इसे सिक्के बनाने वालों का सुल्तान तथा धनवानों का राजकुमार कहा है।
मुहम्मद बिन तुगलक ने जैन आचार्य जिन प्रभा सुरी को संरक्षण प्रदान किया।
वह दिल्ली का पहला ऐसा सुल्तान था जो हिन्दुओं के त्यौहारों मुख्यतः होली में भाग लेता था।
मुहम्मद बिन तुगलक ने 1347 ई. में राजधानी दिल्ली से देवगिरी (दौलताबाद) ले गया तथा वहां जहां पनाह नगर की स्थापना की।
मुहम्मद बिन तुगलक ने अफ्रीकी यात्री इन्न-बतूता को दिल्ली का काजी नियुक्त किया।
इन-बतूता ने मुहम्मद बिन तुगलक काल की प्रमुख घटनाओं का वर्णन अपनी पुस्तक ‘रेहला’ में किया है।
मुहम्मद बिन तुगलक ने मंगोल शासक कुबले खां द्वारा चलाई गई सांकेतिक मुद्रा से प्रेरित होकर 1330 ई. में सांकेतिक मुद्रा का
प्रचलन किया।
मुहम्मद बिन तुगलक इल्तुतमिश के बाद दूसरा सुल्तान था, जिसने खलीफा से मान्यता प्राप्त की।
मुहम्मद बिन तुगलक भी अलाउद्दीन खिलजी की तरह साम्राज्यवादी था।
मुहम्मद बिन तुगलक का राज्य दिल्ली के सुल्तानों में सबसे बड़ा था। उसने मिस्र और चीन के साथ राजनीतिक सम्बन्ध स्थापित किये
1347 ई. में प्लेग के प्रकोप से बचने के लिए मुहम्मद बिन तुगलक ने कन्नौज के निकट स्वर्गद्वारी’ नामक स्थान पर शरण ली।
1351 ई. में सिंध के विद्रोह को दबाने के क्रम में मुहम्मद बिन तुगलक की मौत हो गयी।