लेखिका ने मोर के बच्चों को 35 रुपए में खरीदा |
महादेवी वर्मा द्वारा मोर-मोरनी को घर लाना- एक दिन अतिथि को स्टेशन पहुँचाकर आते वक्त महादेवी वर्मा का ध्यान चिड़ियों और खरगोशों की दुकान की तरफ गया।
उन्होंने ड्राइवर को उस ओर चलने का आदेश दिया।
बड़े मियाँ जी ने कहा- पिछली बार आपने मोर के बच्चों के लिए पूछा था शंकरगढ़ से एक चिड़ीमार दो मोर के बच्चे पकड़ लाया है, एक मोर है और एक मोरनी तभी लेखिका की दृष्टि पिंजरे की ओर पड़ी। जिसमें तीतरों के समान दोनों बैठे थे।
तब लेखिका ने 35 रुपये देकर उन दोनों को खरीद लिया और पिंजरा कार में रखकर घर ले आई।