रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की निम्न विशेषताएँ :-
1) परमाणु में धन आवेशित केन्द्र होता है जिसे नाभिक (nucleus) कहते हैं।
2) नाभिक धन आवेशित होता है क्योंकि उसमें धन आवेशित प्रोटॉन स्थित होते हैं। परमाणु का लगभग सम्पूर्ण द्रव्यमान नाभिक में स्थित होता है। (नाभिक में प्रोटॉन व न्यूट्रॉन उपस्थित होते हैं। प्रोटॉन व न्यूट्रॉन का कुल द्रव्यमान द्रव्यमान संख्या कहलाता है जिसे ‘A’ से प्रदर्शित करते हैं।)
3) इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों तरफ निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं।
4) नाभिक का आकार परमाणु के आकार की तुलना में अत्यधिक कम होता है।
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की कमियां या दोष:-
1) परमाणु के स्थायित्व की व्याख्या सम्भव नहीं – धनावेशित नाभिक के आस-पास ऋण आवेश युक्त इलेक्ट्रॉन गतिमान रहने के कारण त्वरण उत्पन्न होगा। मैक्सवेल के विद्युत चुम्बकीय सिद्धान्त के अनुसार, कोई भी आवेशित कण त्वरित होने पर विद्युत चुम्बकीय विकिरण का उत्सर्जन करता है। सौर मण्डल के ग्रहों में आवेश नहीं होने से उनमें यह लक्षण नहीं होते। किन्तु इलेक्ट्रॉन आवेशयुक्त होने के कारण अपनी कक्षा में गति करते हुए विकिरण उत्सर्जित करेगा तथा यह ऊर्जा इलेक्ट्रॉन की गति से प्राप्त होगी। फलस्वरूप इलेक्ट्रॉन की कक्षा सिकुड़ती जायेगी और अन्त में इलेक्ट्रॉन नाभिक में गिर जावेगा। अतः परमाणु स्थायी नहीं रह पायेगा।
2) परमाणु के विविक्त स्पेक्ट्रा की व्याख्या नहीं होती – विकिरण उत्सर्जित करते हुए गतिमान इलेक्ट्रॉन की कक्षा की त्रिज्या बदलती रहने से उससे प्राप्त होने वाला स्पेक्ट्रम विविक्त (discrete) रैखिक न होकर सतत (continuous) होना चाहिए, पर वह विविक्त होता है जो रदरफोर्ड के मॉडल के अनुरूप नहीं है।