मोहनजोदड़ो पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में सिंधु नदी के दाहिने तट पर स्थित है |
इसकी खोज सर्वप्रथम राखल दास बनर्जी ने वर्ष 1922 में किया था |
मोहनजोदड़ो का शाब्दिक अर्थ मृतकों का टीला या प्रेतों का टीला होता है |
यह हडप्पा सभ्यता के प्रमुख नगरों में से एक माना जाता है |
इतिहासकारों के मताअनुसार यह एक बड़ा व्यापारिक केंद्र व अंतराष्ट्रीय नगर था |
यह नगर दो भागो में बटा हुआ था -1) शहर के पश्चिम में दुर्ग / किला वाला भाग 2) पूर्व का नगर वाला भाग
यहां से विशाल स्नानागार, अन्नागार एवं कांस्य की नर्तकी की मूर्ति प्राप्त हुई है |