प्रथम हरित क्रांति के बाद वर्ष 1983-84 ई में द्वितीय हरित क्रांति की शुरुआत हुई थी |
इस हरित क्रांति में अदिक अनाज उत्पादन , निवेश एवं कृषको को दी जाने वाली सेवाओं का विकास हुआ |
हम जानते है भारत में इस क्रांति को लेन का श्री डॉ एम. एस. स्वामीनाथन को जाता है उन्होंने इसकी शुरुवात 1967-68 में किया था |
हरित क्रांति का मुख्य प्रभाव गेहूं तथा चावल में पड़ा था , परन्तु गेहू के उत्पादन में अधिक वृद्धि आई थी |