भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले इसलिए नहीं छोड़ना चाहती थी, क्योंकि भगत की उम्र अधिक हो गई थी।
इस आयु में वह किसी के सहारे के बिना नहीं रह सकते थे।
यदि वह बालगोबिन भगत की बात मानकर अपने भाई के साथ चली गई, तो उनकी देखभाल करने वाला, उनके खाने-पीने का ध्यान रखने वाला कोई नहीं रहेगा।
इसके अतिरिक्त यदि वह बीमार पड़ गए, तो उन्हें एक चुल्लू पानी देने वाला भी कोई नहीं होगा।