प्रमुख याम्योत्तर का मान 0° देशांतर है |
अक्षांश (समानांतर) रेखाओं से भिन्न सभी देशांतरीय याम्योत्तरों की लंबाई समान होती है।
इसलिए इन्हें सिर्फ मुख्य संख्याओं में व्यक्त करना कठिन था।
तब सभी देशों ने निश्चय किया कि ग्रीनिच, जहाँ ब्रिटिश राजकीय वेधशाला स्थित है, से गुजरने वाली याम्योत्तर से पूर्व और पश्चिम की ओर गिनती शुरू की जाए।
इस याम्योत्तर को प्रमुख याम्योत्तर कहते हैं।
इसका मान 0° देशांतर है तथा यहाँ से हम 180° पूर्व या 180° पश्चिम तक गणना करते हैं।
प्रमुख याम्योत्तर तथा 180° याम्योत्तर मिलकर पृथ्वी को दो समान भागों, पूर्वी गोलार्ध एवं पश्चिमी गोलार्ध में विभक्त करती है।
इसलिए किसी स्थान के देशांतर के आगे पूर्व के लिए अक्षर पू. तथा पश्चिम के लिए अक्षर प. का उपयोग करते हैं।
यह जानना रोचक होगा कि 180° पूर्व और 180° पश्चिम याम्योत्तर एक ही रेखा पर स्थित हैं।