अक्सर किसान कमज़ोर ज़मीन को परती छोड़ देते हैं ताकि ज़मीन की उर्वरता पुनस्थापित हो।
परती भूमि के दो भाग हो सकते हैं- वर्तमान परती भूमि और पुरानी परती भूमि ।
वर्तमान परती भूमि जो केवल एक वर्ष के लिए परती है।
भूमि को एक वर्ष के लिए परती छोड़ने पर उसमें हयूमस की मात्रा में वृद्धि होती है जिससे उसकी उर्वरता बढ़ जाती है।
पुरानी परती भूमि जो एक से अधिक वर्षों से परती है।
पुरानी परती पर कृषि का विस्तार नहीं होने पर यह बंजर में परिवर्तित हो जाएगी।
भारत में आज लगभग 8 प्रतिशत ज़मीन परती है।