नाभादास “स्वामी अग्रदास” के शिष्य थे |
वें भक्तिकाल के कवी थे तथा सगुणोंपासक रामभक्त धारा को अपनायें थे |
उनको तुलसीदास के समकालीन माना जाता है |
‘भक्तमाल’ तथा ‘अष्टयाम ‘ इनकी प्रमुख रचना है |
Tagged: history Gk, भारतीय इतिहास
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