सदाशिव तुलुव वंश का अंतिम शासक था |
इनका शासन काल 1542 ई. से 1570 ई. तक था |
अच्युत देवरॉय के बाद सदाशिव तुलुव वंश का शासक बना था |
सदाशिव नाम का शासक था जबकि वास्तविक शासन की बागडोर आरवीडुं वंश के मंत्री रामराय के हाथो में थी |
1565 ई. में तालीकोटा ( राक्षसी तंगडी ) के युद्ध में बहमनी साम्राज्य के बीजापुर, गोलकोंडा, बीदर, और अहमद नगर के शासको ने संघ बनाकर विजय नगर को पराजित कर दिया तथा रामराय का हत्या कर दिया | इस संघ में केवल बरार शमिल नहीं था |
इस युद्ध के पश्चात् रामरॉय का भाई तिरुमल, सदाशिव को लेकर पेनुकोंडा आ गया तथा यही से शासन किया |
1570 ई. में तिरुमल ने सदाशिव को हटाकर पेनुकोंडा में एक नए राज वंश “अराविडू वंश “ की स्थापना की थी |