तुजुक-ए-बाबरी तुर्की भाषा में लिखी गई है |
तुजुक-ए-बाबरी की रचना बाबर ने की है जो की बाबर की आत्मकथा है |
इसे बाबरनामा या वाकियाते-बाबरी के नाम से भी जाना जाता है |
इसका पहला फारसी अनुवाद अकबर के शासनकाल में पायंदा खाँ ने किया था |
इसके बाद वर्ष 1590 ई.में अब्दुर्र्हीम खान ने इसका फारसी अनुवाद किया था |
तुजुक-ए-बाबरी का अंग्रेजी अनुवाद सर्वप्रथम लीडन, अर्सकिन व एल्किंग ने 1826 ई. में किया था |