छत्तीसगढ़ की आदिवासी समाज में “एक पति त्याग कर दूसरा पति” रखना गंधर्व विवाह या पोटा विवाह कहलाता है |
गोंड़ों की उपजाति परजा में गन्धर्व विवाह की एक आम पद्धति है |
पोटा विवाह के अंतर्गत यदि विवाहित स्त्री भी किसी दूसरे अधिक सम्पन्न व्यक्ति से विवाह करना चाहे, तो वह पति को छोड़कर दूसरे व्यक्ति के साथ भाग सकती है |
जब स्त्री या पुरुष अपनी इच्छा से एक दूसरे का वरण कर लेते हैं, तो इस प्रकार के विवाह को गन्धर्व विवाह की संज्ञा दी जाती है|
परजा लोगों में यदि कोई युवती विवाह-पूर्व ही गर्भवती हो गई हो तो उसका विवाह सम्बन्धित पूरुष से विधिपूर्वक कर दिया जाता है|
इस प्रकार के विवाह में युवक को उन सारे दस्तुरों का निर्वाह करना होता है जो उसने सामान्य स्थिति में निभाए होते |
यदि कोई परजा युवती का सम्बन्ध किसी अन्य आदिवासी यवक से भी हो जाता है, तो इस युवती को उसके मनपसंद युवक से विवाह की छूट प्राप्त होती है |