देवरानी–जेठानी मंदिर को छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक प्राचीन मंदिर कहा गया है |
यह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से लगभग 27 किलोमीटर की दुरी पर ताला नामक स्थल पर, अमेरिकापा गाँव के समीप, मनियारी नदी के तट पर स्थित है |
इतिहासकारों के अनुसार इन दोनों मंदिर देवरानी तथा जेठानी का निर्माण 5वीं से 6वीं शताब्दी में शरभपुरीय शासनकाल के दौरान दो रानीयों द्वारा किया गया था |
इस मंदिर के निर्माण में लाल बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है|
यह मंदिर गुप्तकालीन स्थापत्य कला का प्रतिनिधित्व करता है |
दोनों ही मंदिर देवरानी तथा जेठानी, भगवान शिव को समर्पित है |
जेठानी मंदिर बड़ा तथा देवरानी मंदिर छोटा है |
देवरानी मंदिर का मुख पूर्व दिशा की ओर है तथा जेठानी मंदिर का मुख दक्षिण दिशा की ओर है |
इन मंदिरों के बारे मे सबसे पहले जानकारी भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के जनक मेजर जनरल कनिंघम के एक सहयोगी जे. डी. वान्ग्लेर ने दी थी ।