कुचीपुड़ी “आंध्र प्रदेश” राज्य का प्रसिद्ध नृत्य है |
आंध्र प्रदेश के कुचेलपुरम नामक ग्राम में प्रारंभ होने के कारण इस नृत्य को कुचिपुड़ी नृत्य कहा गया।
भरतमुनि के नाट्यशास्त्र पर आधारित इस नृत्य शैली का उद्देश्य धर्म एवं आध्यात्म का प्रचार है।
यह गीत एवं नृत्य का समन्वित रूप है।
इसमें पद संचालन एवं हस्त मुद्राओं का विशेष महत्त्व है।
इस शैली का विकास तीर्थ नारायण एवं सिवेन्द्रयोगी ने किया।
मटका नृत्य कुचिपुड़ी नृत्य का सबसे लोकप्रिय रूप है।
इसमें पानी से भरे मटके को सिर पर रखकर तथा पैर थाली में रखकर नृत्य किया जाता है।
यह मूलतः पुरुषों का नृत्य है, परन्तु हाल ही में स्त्रियों ने भी इसे अपनाया है।
इसके प्रमुख नर्तक/नर्तकी यामिनी कृष्णमूर्ति, राधारेड्डी, भावना रेड्डी, राजा रेड्डी, यामिनी रेड्डी आदि हैं।