बलवन सुल्तान ने तुर्कान-ए-चहलगानी का दमन किया था।
इल्तुतमिश के समय में चालीसा (तुर्कान-ए-चहलगानी) का प्रादुर्भाव हुआ था। इसके प्रारम्भिक सदस्य सुल्तान के गुलाम थे।
इल्तुतमिश प्रारम्भ में इस पर नियन्त्रण रखे हुये था परन्तु बाद में चालीसा की स्थिति मजबूत हो गई। इन्होंने सुल्तान की शक्ति में हस्तक्षेप करना प्रारम्भ कर दिया था।
अतः बलवन जो स्वयं भी इसका सदस्य था जानता था कि इसको नष्ट किये बिना स्वतंत्रता पूर्वक राज्य नहीं किया जा सकता था। अतः उसने चालीसा के मण्डल को नष्ट कर दिया था।
अलाउद्दीन ने अपने चाचा को मारकर गद्दी प्राप्त की थी। उसका शासन काल 1296-1316 ई. तक था। इसके समय में दक्षिण में प्रथम तुर्की आक्रमण हुआ। मुहम्मद बिन तुगलक अपनी प्रयोगवादी |